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Russia banned for four years

डोपिंग को लेकर रूस पर बड़ी कार्रवाई, ओलंपिक में 4 साल के लिए लगा बैन

वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी (WADA) ने रूस पर डोपिंग के आरोप में 4 साल का बैन लगा दिया है. अब रूस का झंडा, राष्ट्रगीत और टीम का नाम ओलंपिक का हिस्सा नहीं होगा. ओलंपिक के किसी भी इवेंट में रूस की हिस्सेदारी 4 साल तक नहीं हो सकेगी. रूस के खिलाफ WADA ने यह कार्रवाई लगातार डोपिंग के कई मामले सामने आने के बाद की है.

वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी (WADA) ने रूस पर डोपिंग के आरोप में 4 साल का बैन लगा दिया है. अब रूस का झंडा, राष्ट्रगीत और टीम का नाम ओलंपिक का हिस्सा नहीं होगा. ओलंपिक के किसी भी इवेंट में रूस की हिस्सेदारी 4 साल तक नहीं हो सकेगी. रूस के खिलाफ WADA ने यह कार्रवाई लगातार डोपिंग के कई मामले सामने आने के बाद की है.

वाडा के बोर्ड ने सोमवार को एक खास बैठक के बाद इसकी घोषणा की. वाडा ने रूस से डोपिंग को लेकर गलत आंकड़े मिलने के बाद पहले ही चार साल के प्रतिबंध की सिफारिश की थी. रूस के खिलाड़ियों की गलत डोपिंग रिपोर्ट वाडा को भेजी गई थी और इसमें रूस की सरकारी खेल समितियों की सहमति थी. इसके बाद से दुनिया के खेल जगत में ये विवाद गरमा गया था. इस रिपोर्ट के बाद 2014 में रूस के ओलंपिक प्रदर्शन पर भी सवाल उठने लगे थे.

रूस पर इस बैन का सबसे बड़ा असर यह पड़ेगा कि वह टोक्यो में होने जा रहे आगामी ओलिंपिक 2020 और कतर में होने वाले फुटबॉल वर्ल्ड कप 2022 से भी बाहर हो गया है. वाडा के इस कड़े निर्णय के बाद रूस अब अगले 4 साल तक खेलों के किसी भी तरह के मुख्य आयोजनों में हिस्सा नहीं ले सकेगा.

पिछले पांच सालों से जांच कर रहे लोग रूस पर एक जटिल डोपिंग प्रोग्राम चलाने का आरोप लगा रहे हैं जिसके कारण उनके एथलीट्स को इंटरनेशनल इवेंट्स में भाग लेने से रोक दिया गया था. सितंबर 2018 में कई जांचों के बाद WADA ने एथलीट्स पर से बैन हटा दिया था, लेकिन उन्होंने एथलीट्स का डाटा सब्मिट करने की शर्त रखी थी. अब रूस पर उन डाटा में छेड़छाड़ करने का आरोप लग रहा है.

2014 में रूस की 800 मीटर रनर यूलिया स्टेपानोवा और रशियन एंटी डोपिंग एजेंसी (RUSADA) में काम कर चुके उनके पति ने एक डॉक्यूमेंट्री में रूस में डोपिंग को लेकर चल रहे खेल का पर्दाफाश किया था. इसके दो साल बाद RUSADA चीफ रह चुके ग्रिगोरी रूडशेंकोव ने एंटी डोपिंग और गुप्तचर सेवा के मेंबर्स पर 2014 सोची विंटर ओलंपिक में एथलीट्स के यूरिन सैंपल को बदलने का आरोप लगाया था. इसके बाद से लगातार जांच की जा रही थी.