पशु विज्ञान केंद्र पलवल में लगाया शूकर पालन प्रशिक्षण शिविर
by bhavnajoshiपलवल: लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय हिसार के सौजन्य से पशु विज्ञान केंद्र पलवल में शूकर (शुअर) पालन प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में पलवल, फरीदाबाद व दिल्ली के लगभग 24 प्रशिक्षणार्थीयों ने भाग लिया। शिविर की समन्वयक डा. रेखा ने बताया कि यह शिविर 27 नवम्बर से लेकर 3 दिसंबर तक आयोजितकिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि शूकर की देशी प्रजातियों में घुंगरू, नियांग मेद्या शामिल है जबकि विदेशी प्रजातियों में बर्कशायर, लैंडरेस, हैंपशायर, टैमवर्थ, सैडल बैक, लार्जव्हाइट यार्कशायर शामिल है। उन्होंने बताया कि लार्ज व्हाइट यार्कशायर व मिडल व्हाइट यार्कशायर का पालन कर किसान अपने व्यवसाय को बढा सकते है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ने टारगेट रखा है कि वर्ष 2019 -20 में 100 शूकर फार्म खोलने है। एनसीआर क्षेत्र में शूकर फार्म खोलने का चलन भी शुरू हो गया है। शूकर पालन का सबसे ज्यादा फायदा यह है कि इसकी मार्किट भी नजदीक है। एक शूकर आठ से नौ महीने में करीब 8 बच्चे देती है और जब यह बच्चे 9 महीने के बाद बडे हो जाते है तो उनसे पर्याप्त मात्रा में मीट लिया जा सकता है। मीट का मार्किट रेट 130 रूपए प्रति किलोग्राम होता है। शिविर में प्रशिक्षार्थीयों को शुकर का आवास प्रबंधन जिसमें आवास का फर्श 3 गुणा 3 मीटर, फर्श की ऊंचाई जमीन तल से 60 सेंटीमीटर, शूकर आवास की छत से पानी न टपके व बारिश से पूर्णयता बचाव के बारे में बताया गया। इसके अलावा शूकरों की विभिन्न अवस्थाओं में भोजन का प्रबंधन करने तथा शूकर प्रजनन प्रबंधन और शूकरों के संक्रामक रोग, सुरक्षा एवं निदान के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई।
प्रशिक्षार्थी भीषम अहलावत ने बताया कि उन्होंने अपने गांव बढराम में शूकर फार्म खोला हुआ है। वह दो वर्षो से शूकर पालन कर रहे है। शिविर में डॉक्टर रेखा ने शूकरों में संक्रामक रोग जिसमें स्वाइन फीवर के बारे में जानकारी दी है। यह शूकरों में विषाणुओं द्वारा होने वाला एक घातक रोग है। बीमारियों के बचाव व रोकथाम के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई है। शूकर की प्रजातियों के बारे में जानकारी दी गई है कि शूकर फार्मिंग को किस प्रकार से बढाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि शूकर पालन करना एक अच्छा कार्य है जिसके माध्यम से किसान अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत कर सकता है।
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Web Title: Piggery training camp organized at Animal Science Center, Palwal