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मनमोहन सिंह ने केंद्र सरकार पर बोला हमला

GDP आंकड़ों पर हैरान हुए मनमोहन सिंह, बोले- इकोनॉमी में भय का माहौल

जीडीपी ग्रोथ के ताजा आंकड़े बताते हैं कि देश की इकोनॉमी की हालत ठीक नहीं है. इन आंकड़ों पर पूर्व प्रधानमंत्री और अर्थशास्‍त्री मनमोहन सिंह ने भी हैरानी जाहिर की है.

आर्थिक सुस्‍ती के दौर से गुजर रही भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था के लिए शुक्रवार को एक बुरी खबर आई. दरअसल, चालू वित्त वर्ष (2019-20) की दूसरी तिमाही में भारत की विकास दर के आंकड़े जारी किए गए. इन आंकड़ों के मुताबिक इस तिमाही में जीडीपी ग्रोथ का आंकड़ा 4.5 फीसदी पहुंच गया है.

इन आंकड़ों पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने हैरानी जाहिर की है. मनमोहन सिंह ने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था की स्थिति बेहद चिंताजनक है. उन्‍होंने जीडीपी के ताजा आंकड़ों का जिक्र करते हुए कहा कि यह अस्वीकार्य है. मनमोहन सिंह ने कहा, ''हमारे देश की जीडीपी ग्रोथ रेट 8-9 फीसदी की दर से हो सकती है. लेकिन पिछली दो तिमाही में जीडीपी की ग्रोथ रेट में गिरावट चिंताजनक है.''

मनमोहन सिंह ने आगे कहा कि सिर्फ आर्थिक नीतियों में बदलाव से अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने में मदद नहीं मिलेगी. पूर्व पीएम ने कहा कि मौजूदा समय में देश की अर्थव्यवस्था में भय का माहौल है, इसे आत्मविश्वास में बदलने की जरूरत है.

मुख्य आर्थिक सलाहकार को उम्मीद

इस बीच, सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्यन ने कहा है कि तीसरी तिमाही में जीडीपी रफ्तार पकड़ सकती है. जीडीपी आंकड़ों पर केवी सुब्रमण्यन ने कहा, 'हम एक बार फिर कह रहे हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत बनी रहेगी.तीसरी तिमाही में जीडीपी के रफ्तार पकड़ने की उम्मीद है.'

बता दें कि चालू वित्त वर्ष (2019-20) की दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 4.5 फीसदी पहुंच गया है. यह करीब 6 साल में किसी एक तिमाही की सबसे बड़ी गिरावट है.  इससे पहले मार्च 2013 तिमाही में देश की जीडीपी दर इस स्‍तर पर थी. बता दें कि चालू वित्त वर्ष (2019-20) की पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ की दर 5 फीसदी पर थी. इस लिहाज से सिर्फ 3 महीने के भीतर जीडीपी की दर में 0.5 फीसदी की गिरावट आई है.