यूपीपीसीएल में हुए अरबों रुपये के पीएफ घोटाले की जांच ईडी भी करेगा
by प्रमुख संवाददाता,लखनऊयूपीपीसीएल में हुए अरबों रुपये के पीएफ घोटाले की जांच अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी करेगा। इस सम्बन्ध में ईओडब्ल्यू ने ईडी को पत्र लिखा था। इतना ही नहीं ईडी ने इस मामले में दर्ज एफआईआर और अब तक ब्रोकर फर्मों से जुड़ी सभी जानकारियां भी ईडी को भेज दी है। माना जा रहा है कि ईडी सोमवार से अपनी जांच शुरू कर देगी।
ईओडब्ल्यू के एक अफसर ने बताया कि शुरू में 14 ब्रोकर फर्मो के जरिये पीएनबी हाउसिंग लिमिटेड और डीएचएफएल में निवेश की बात सामने आयी थी। इनमें दो ही फर्म असली मिली थी बाकी 12 फर्में कमीशन (ब्रोकरेज) लेने के लिये ही अस्तित्तव में लायी थी। पर, पड़ताल में यह ब्रोकर फर्मों का आंकड़ा 28 तक पहुंच गया था। इनमें भी अधिकतर के दस्तावेज फर्जी पाये गए हैं।
काले धन का इस्तेमाल भी हुआ
अफसरों को पड़ताल में सामने आया था कि ब्रोकर फर्मो के जरिये कई लोगों ने काले धन को भी सफेद किया। इसके लिये किसी शख्स के नाम पर ब्रोकर फर्म बनायी गई। इसमें कमीशन के नाम पर मोटी रकम नम्बर एक में जमा की गई। फिर इतनी रकम फर्म संचालक ने अलग से कैश में सम्बन्धित व्यक्ति को दे दी। इसमें भी बंदरबांट की गई। ऐसे ही कई खुलासे हुए। ईओडब्ल्यू के डीजी आरपी सिंह ने बताया कि मनी लाड्रिंग की बात सामने आने पर ही इसकी जांच के लिये ईडी को पत्र लिखा गया है।
पूर्व एमडी एपी मिश्र ने बताया था ब्रोकर फर्मों के बारे में
ईओडब्ल्यू को ब्रोकर फर्मों के बारे में सबसे ज्यादा जानकारी पूर्व एमडी एपी मिश्र ने दी थी। इस मामले में सबसे पहले निदेशक (वित्त) सुंधाशु द्विवेदी और सचिव प्रवीण कुमार गुप्ता की गिरफ्तारी हुई थी। इसके बाद पूर्व एमडी एपी मिश्र गिरफ्तार किये गए। इसके बाद ही हड़कम्प मच गया था। फिर ब्रोकर फर्मो के तीन संचालक भी पकड़े गए। अभी भी कई ब्रोकर फर्मों के संचालक और कुछ अन्य ईओडब्ल्यू की रडार पर है।