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जम्मू कश्मीर: हर महीने इतने युवा पकड़ रहे 'आतंक' का रास्ता, सामने आए हैरान करने वाले आंकड़े

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श्रीनगर: जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाली संविधान की धारा 370 समाप्त होने और केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद आतंकवादियों के गिरोह में भर्ती होने वाले युवाओं की संख्या में बहुत कमी आई है. आम तौर पर प्रत्येक महीने औसतन 8 स्थानीय युवा आतंकी संगठनों में शामिल होते थे. किन्तु 5 अगस्त के बाद से अब तक महज 14 युवाओं के आतंकवादी संगठनों में शामिल होने की खबर सामने आई है.

इस हिसाब से यदि देखा जाए हर महीने लगभग 3 युवाओं ने आंतकवादी बनना मंज़ूर किया है. खुफ़िया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, 2016 में बुरहान वानी के मारे जाने के बाद पाकिस्तान द्वारा पाले हुए आतंकियों के प्रचार के शिकार होने वाले युवाओं की संख्या में भारी इजाफा हुआ था.  अधिकारी ने कहा कि इस वर्ष 27 नवंबर तक पाकिस्तान ने 2835 बार सीजफायर का उल्लंघन किया है.

अधिकारी ने बताया कि केवल नवंबर में ही 268 बार बॉर्डर पार से गोलाबारी की गई है. पूरे वर्ष में 158 आतंकवादियों को सुरक्षा बलों ने ढेर कर दिया है, जबकि इसी दौरान 172 आतंकवादी घटनाएं हुईं हैं. बॉर्डर पार से फायरिंग और कश्मीर में आतंकवाद विरोधी कार्रवाइयों में आर्मी के भी 38 जवान और अधिकारी अब तक वीरगति पा चुके हैं.

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श्रीनगर: जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाली संविधान की धारा 370 समाप्त होने और केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद आतंकवादियों के गिरोह में भर्ती होने वाले युवाओं की संख्या में बहुत कमी आई है. आम तौर पर प्रत्येक महीने औसतन 8 स्थानीय युवा आतंकी संगठनों में शामिल होते थे. किन्तु 5 अगस्त के बाद से अब तक महज 14 युवाओं के आतंकवादी संगठनों में शामिल होने की खबर सामने आई है.

इस हिसाब से यदि देखा जाए हर महीने लगभग 3 युवाओं ने आंतकवादी बनना मंज़ूर किया है. खुफ़िया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, 2016 में बुरहान वानी के मारे जाने के बाद पाकिस्तान द्वारा पाले हुए आतंकियों के प्रचार के शिकार होने वाले युवाओं की संख्या में भारी इजाफा हुआ था.  अधिकारी ने कहा कि इस वर्ष 27 नवंबर तक पाकिस्तान ने 2835 बार सीजफायर का उल्लंघन किया है.

अधिकारी ने बताया कि केवल नवंबर में ही 268 बार बॉर्डर पार से गोलाबारी की गई है. पूरे वर्ष में 158 आतंकवादियों को सुरक्षा बलों ने ढेर कर दिया है, जबकि इसी दौरान 172 आतंकवादी घटनाएं हुईं हैं. बॉर्डर पार से फायरिंग और कश्मीर में आतंकवाद विरोधी कार्रवाइयों में आर्मी के भी 38 जवान और अधिकारी अब तक वीरगति पा चुके हैं.