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होमगार्ड घोटाला: हस्ताक्षर सत्यापन से पल्ला झाड़ रहे थानेदार, बनेगी जांच कमेटी

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होमगार्डों की तैनाती में हुए मस्टर रोल घोटाले में अब प्रदेश पुलिस के थानेदार ही पल्ला झाड़ रहे हैं। जांच कर रहे होमगार्ड अधिकारी मस्टर रोल पर थानेदारों द्वारा किए गए हस्ताक्षर का सत्यापन करवा रहे हैं तो कमोबेश सभी थानेदार इसे फर्जी बताकर मुकर रहे हैं। ऐसे में होमगार्ड व पुलिस अधिकारी आमने सामने हैं। अब प्रमुख सचिव होमगार्ड ने इसकी जांच के लिए डीएम की अध्यक्षता में कमेटी बनाने को कहा है।

शासन के निर्देश पर सभी जिलों में होमगार्ड्स के वेतन भुगतान का आंतरिक आडिट हो रहा है। इसके अलावा अक्तूबर के वेतन (ड्यूटी भत्ते) भुगतान से पहले पूरी जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। होमगार्ड विभाग की तरफ से थानों पर तैनात किए जाने वाले होमगार्ड्स के वेतन भुगतान के लिए मस्टर रोल बनाने की व्यवस्था पहले से चली आ रही है। ड्यूटी लगाने की व्यवस्था आनलाइन किए जाने के बाद भी भुगतान की व्यवस्था मैनुअल ही बनी रही। 

इसके तहत मस्टररोल का थाने से सत्यापन होकर विभाग के पास आता था। हालांकि यह सत्यापन ही अब विवाद का विषय बन गया है। थानेदारों का कहना है कि मस्टररोल पर केवल थाने की गोल मुहर लगी है और उस पर हस्ताक्षर हैं, जिससे यह पता नहीं चल रहा है कि यह हस्ताक्षर थाने के किस व्यक्ति ने किए हैं। थानेदारों के पल्ला झाड़ लेने के कारण जांचें अधर में फंस रही हैं और पूरी जिम्मेदारी होमगार्ड अधिकारियों पर पड़ रही है। 

ऐसे में यह मान लिया जा रहा है कि होमगार्ड विभाग के अफसरों ने खुद ही थानों की मुहर लगाकर हस्ताक्षर बना लिए और वेतन भुगतान कर दिया। थाने की मुहर में केवल थाने का नाम भर लिखा हुआ है। थानाध्यक्ष या किसी जिम्मेदार सब इंस्पेक्टर के हस्ताक्षर की पुष्टि नहीं हो पा रही है। होमगार्ड विभाग के अफसरों का कहना है कि मस्टररोल जब थानों पर भेजा जाता था तो वे इसी तरह मुहर लगाकर और हस्ताक्षर करके भेज देते थे। थानों में होमगार्ड्स की तैनाती के संबंध में कोई स्पष्ट रिकार्ड भी नहीं रखे गए हैं। कहीं-कहीं जीडी में ड्यूटी का जिक्र है, लेकिन सामान्य तौर पर ऐसा नहीं किया गया है। ऐसे में ड्यूटी का सत्यापन कठिन हो गया है।