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स्कूल की जमीन भूमाफियाओं से बचाने के लिए राजस्व अभिलेखों में होगी एंट्री

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अब सभी सरकारी स्कूलों की जमीनों की सीमाओं का चिह्नीकरण होगा। इसके चारों ओर चाहरदीवारी बनाई जाएगी और गेट भी लगेगा। स्कूलों की जमीन को भूमाफिया के चंगुल में फंसने से बचाने और पूरी तरह स्कूल के उपयोग में लाने के लिए अब इन्हें राजस्व अभिलेखों में दर्ज कराया जाएगा। 

अपर मुख्य सचिव बेसिक रेणुका कुमार ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि अभियान चला कर चिह्नीकरण व सीमांकन की प्रक्रिया पूरी की जाए। गांवों में सरकारी प्राइमरी स्कूलों के पास काफी जमीन है। स्कूलों में 4-5 कक्षाएं होती हैं लेकिन जमीन उससे ज्यादा होती है लेकिन ज्यादातर में चाहरदीवारी न होने की वजह से यहां असामाजिक तत्वों का जमावड़ा होता है।

वहीं कई जगह गांव के दबंग लोगों के कब्जे की शिकायत भी आती रहती है। सरकारी सम्पत्ति के दुरुपयोग का मामला भी बनता है। इन सबसे मुक्ति पाने के लिए अब सभी प्राइमरी, जूनियर और कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की जमीनों का चिह्नीकरण करते हुए इन्हें राजस्व अभिलेखों में दर्ज कराया जाएगा।  इसके बाद यहां गेट समेत चाहरदीवारी बनवाई जाएगी। चिह्नांकन व राजस्व अभिलेखों में दर्ज होने के बाद विकास की योजनाएं भी एकीकृत रूप से बन सकेगी। यूपी में 1.5 लाख सरकारी स्कूल हैं। 

स्कूलों में मिड डे मील की सब्जी के लिए किचन गार्डन बनाने के निर्देश हैं लेकिन चाहरदीवारी न होने के वजह से योजना परवान नहीं चढ़ पा रही है। आवारा पशुओं के चलते किचन गार्डन के पौधे पनप नहीं पा रहे हैं। वहीं अक्सर असामाजिक तत्वों के जमावड़े और स्कूल परिसर में ही असामाजिक गतिविधियों की खबरें भी शासन तक आती रहती हैं।