कोर सेक्टर में बड़ी गिरावट, फर्टिलाइजर्स को छोड़ 7 इंडस्ट्रीज पस्त
ताजा आंकड़े बताते हैं कि अक्टूबर महीने में आठ कोर इंडस्ट्रीज की स्थिति ठीक नहीं रही.
- कोर सेक्टर में 5.8 फीसदी की कमी आई है
- दूसरी तिमाही में विकास दर में भी गिरावट
बीते अक्टूबर महीने में भारत के कोर सेक्टर में एक बार फिर बड़ी गिरावट आई है. सरकार के ताजा आंकड़ों के मुताबिक एक साल पहले के मुकाबले कोर सेक्टर में 5.8 फीसदी की कमी आई है. बता दें कि कोर सेक्टर के 8 प्रमुख उद्योग में कोयला, क्रूड, ऑयल, नेचुरल गैस, रिफाइनरी प्रोडक्ट्स, फर्टिलाइजर्स, स्टील, सीमेंट और इलेक्ट्रिसिटी आते हैं. इनकी भारत के कुल इंडस्ट्रियल आउटपुट (औद्योगिक उत्पादन) में करीब 40 फीसदी हिस्सेदारी होती है.
किसमें कितनी आई कमी?
कोर प्रोडक्शन की बात करें तो 17.6 फीसदी की गिरावट आई है जबकि क्रूड ऑयल और नेचुरल गैस प्रोडक्शन में क्रमश : 5.1 फीसदी और 5.7 फीसदी की कमी आई है. सीमेंट प्रोडक्शन में 7.7 फीसदी और स्टील प्रोडक्शन में 1.6 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. इसी तरह इलेक्ट्रिसिटी प्रोडक्शन 12.4 फीसदी लुढ़क गया है. सिर्फ फर्टिलाइजर्स सेक्टर के प्रोडक्शन में बढ़त देखने को मिली है. यह सेक्टर एक साल पहले के मुकाबले में 11.8 फीसदी की दर से बढ़ा है.
GDP ग्रोथ में भी आई कमी
इस बीच, चालू वित्त वर्ष (2019-20) की दूसरी तिमाही में भारत की विकास दर में बड़ी गिरावट आई है. जीडीपी ग्रोथ का आंकड़ा 4.5 फीसदी पहुंच गया है. यह करीब 6 साल में किसी एक तिमाही की सबसे बड़ी गिरावट है. बता दें कि मार्च 2013 तिमाही में देश की जीडीपी दर इस स्तर पर थी. वहीं चालू वित्त वर्ष (2019-20) की पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ की दर 5 फीसदी पर थी. इस लिहाज से सिर्फ 3 महीने के भीतर जीडीपी की दर में 0.5 फीसदी की गिरावट आई है.
लगातार 6वीं तिमाही में आई गिरावट
सितंबर में लगातार छठी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ के आंकड़ों में गिरावट आई है. दरअसल, वित्त वर्ष 2019 की पहली तिमाही में ग्रोथ रेट 8 फीसदी, दूसरी तिमाही में 7 फीसदी, तीसरी तिमाही में 6.6 फीसदी और चौथी तिमाही में 5.8 फीसदी पर थी. इसके अलावा वित्त वर्ष 2020 की पहली तिमाही में जीडीपी गिरकर 5 फीसदी पर आ गई.