‘No CAA/NRC वाली टोपी पहनने से कुछ नहीं होगा, तुम मुसलमान हो, पाकिस्तान जाओ’, दिल्ली में पिटे फैज़ल ने सुनाई आपबीती

दिल्ली के रानी गार्डन इलाके में पांच युवकों ने CAA विरोधी एक मुस्लिम प्रदर्शनकारी से कथित तौर पर मारपीट और बदसलूकी की, जिसमें युवक को चोटें आई हैं। फिलहाल वह अस्पताल में है।

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Jamia Firing के बाद नागरिकता विवाद पर दिल्ली में फिलहाल माहौल गर्म है। चुनावी लिहाज से भी और विरोध प्रदर्शनों के रूप में भी। इसी बीच, शुक्रवार शाम रानी गार्डन इलाके में पांच युवकों ने CAA विरोधी एक मुस्लिम प्रदर्शनकारी से कथित तौर पर मारपीट और बदसलूकी की, जिसमें युवक को चोटें आई हैं। फिलहाल वह अस्पताल में है। ‘The Quint’ के मुताबिक, हमलावरों ने उसके सिर पर शराब की बोतल से वार किया था। जख्मी युवक की पहचान फैज़ल के रूप में हुई है। और, वह खुरेजी इलाके में सीएए/एनआरसी के खिलाफ जारी प्रदर्शन में नियमित रूप से हिस्सा लेते हैं।

घटना के बाद आनन-फानन उसे नजदीकी हॉस्पिटल ले जाया गया। उन्होंने अंग्रेजी वेबसाइट को आपबीती सुनाई। बकौल फैजल, “हमलावरों ने मुझसे कहा था कि नो एनआरसी/सीएए वाली टोपी पहनने से कुछ नहीं होने वाला है। तुम मुस्लिम हो। तुम्हारी जगह पाकिस्तान में है।”

हालांकि, फैजल को किन लोगों ने निशाना बनाया, किसने कहने पर हमला किया और उनका मकसद क्या था? इन सभी सवालों के जवाबों पर से फिलहाल पर्दा नहीं उठा है। इससे पहले, गुरुवार को जामिया इलाके में सीएए विरोधी मार्च से पहले एक लड़के ने पिस्तौल लहराते हुए उपद्रव मचाया था।

कथित तौर पर नाबालिग हमलावर ने हवाई फायरिंग भी की थी, जिसमें शादाब नामक छात्र जख्मी भी हुआ था। हालांकि, वह अब खतरे से बाहर है। पर हैरत की बात है कि ये सब तब, जब मौके पर कई पुलिसकर्मी मौजूद थे। आरोपी जब पिस्तौल लहराते हुए ‘यह लो आजादी’, ‘जय श्री राम’ और ‘भारत में रहना है, तो वंदे मातरम कहना होगा’ के नारे लगा रहा था, तब पुलिस तमाशबीन बनी खड़ी थी।

वैसे, कुछ ही क्षणों बाद कुछ पुलिस वालों ने उसे पकड़ लिया। मामले की जांच क्राइम ब्रांच के पास है, जबकि गृह मंत्री अमित शाह साफ कर चुके हैं कि ऐसी चीजें कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगीं। दोषियों के खिलाफ सख्त ऐक्शन होगा।

इसी बीच, खबर आई थी कि हमलावर के तार बंजरंग दल से जुड़े हैं। मगर शुक्रवार को पीटीआई की रिपोर्ट में बताया गया कि बंजरंग दल ने साफ किया है कि हमलावर का उनसे कोई लेना-देना नहीं है। और, वे लोग जामिया इलाके में फायरिंग की कड़ी निंदा करते हैं।