Corona Virus: WHO ने वैश्विक स्वास्थ्य आपदा घोषित की, बीमारी ने 200 से ज्यादा लोगों की ली जान; ITBP ने की विशेष व्यवस्था

भारत ने वुहान से भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए शुक्रवार को एअर इंडिया का 423 सीटों वाला विशाल बी747 विमान वहां भेजा। सरकार चीन के हुबेई प्रांत में रह रहे 600 भारतीयों की भारत वापस लाए जाने के बारे में अपनी इच्छा का पता लगा रही है।

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चीन में Corona Virus प्रकोप से मरने वालों की संख्या बढ़ कर 213 पर पहुंच गई है और संक्रमण की चपेट में आने वालों की संख्या 9,692 हो गई है। सरकार की तरफ से शुक्रवार को दी गई जानकारी के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भारत समेत दुनिया के एक दर्जन से ज्यादा देशों में फैले खतरनाक Corona Virus को वैश्विक स्वास्थ्य आपदा घोषित कर दी है। चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि प्रकोप का केंद्र माने जा रहे अकेले हुबेई में हुई 43 मौतों के साथ मृतकों की संख्या 213 पर पहुंच गई है। इनमें ज्यादातर बुजुर्ग शामिल हैं। उन्होंने बताया कि 1,982 नए मामलों की पुष्टि हुई है, जिससे कुल संख्या 9,692 हो गई है। आईटीबीपी ने कोरोना वायरस से प्रभावित संदिग्ध लोगों को बुनियादी चिकित्सा सेवा प्रदान करने के लिए दिल्ली में 600 बिस्तरों वाला पृथक केंद्र तैयार किया है। आईटीबीपी के प्रवक्ता विवेक कुमार पांडे ने बताया कि दक्षिण पश्चिम दिल्ली के छावला इलाके में भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) कैंप में यह व्यवस्था शुरू कर दी गई है।

भारत, ब्रिटेन, अमेरिका, दक्षिण कोरिया, जापान और फ्रांस समेत करीब 20 देशों ने चीन से आने वाले यात्रियों में विषाणु की पुष्टि की है।
गुरुवार को जिनेवा में आपात बैठक बुला कर डब्ल्यूएचओ ने इस प्रकोप को वैश्विक स्वास्थ्य आपदा घोषित किया। यह दुर्लभ स्थिति जिसमें बीमारी से निपटने से अधिक अंतरराष्ट्रीय समन्वय को बढ़ाने के लिए जरूरत पड़ती है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख तेदरोस अदहानोम गेब्रेयेसस ने कहा, ‘‘हमारी सबसे बड़ी चिंता विषाणु के उन देशों में फैलने की आशंका को लेकर है, जहां स्वास्थ्य तंत्र कमजोर है।’’ उन्होंने इस वायरस को अंतरराष्ट्रीय चिंता की जन स्वास्थ्य आपदा (पीएचईआईसी) घोषित कर दिया।
डब्ल्यूएचओ की घोषणा पर प्रतिक्रिया देते हुए चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनं यिंग ने प्रेस को दिए बयान में कहा, ‘‘कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप के बाद से चीन की सरकार लोगों के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी का अहसास करते हुए अधिक समावेशी और कठिन बचाव एवं नियंत्रण कदम उठा रही है।’’ उन्होंने कहा इनमें से कई कदम अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य नियमनों की जरूरत से काफी बेहतर हैं।