2012 Delhi Gang Rape Case: दोषियों को 1 फरवरी को नहीं होगी फांसी, पटियाला हाउस कोर्ट ने डेथ वॉरंट पर लगाई रोक

2012 Delhi Gang Rape and Murder Case: अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धमेंद्र राणा ने चारों दोषियों की अर्जी पर यह आदेश जारी किया। ये चारों एक फरवरी को फांसी पर अमल पर स्थगन की मांग कर रहे थे।

by

2012 के दिल्ली गैंगरेप केस में दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को चारों मुजरिमों की मृत्यु के वारंट की तामील अगले आदेश तक स्थगित कर दी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धमेंद्र राणा ने चारों दोषियों की अर्जी पर यह आदेश जारी किया। ये चारों एक फरवरी को फांसी पर अमल पर स्थगन की मांग कर रहे थे।

तिहाड़ जेल अधिकारियों ने मामले में अपनी फांसी पर रोक के अनुरोध वाली तीनों दोषियों की याचिका को चुनौती देते हुए कहा कि सिर्फ एक दोषी की याचिका लंबित है और अन्य को फांसी दी जा सकती है। दोषियों के वकील ने जेल अधिकारियों से असहमति जताते हुए कहा कि नियमों के अनुसार जब एक दोषी की याचिका लंबित है तो अन्य को भी फांसी नहीं दी जा सकती।

दोषी पवन सिंह, विनय कुमार शर्मा और अक्षय कुमार की ओर से पेश हुए वकील ए पी सिंह ने अदालत से अनिश्चित काल के लिए फांसी स्थगित करने का अनुरोध किया और कहा कि विनय की दया याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित है। मामले में मृत्युदंड की सजा पाए चौथे दोषी मुकेश कुमार की दया याचिका राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 17 जनवरी को खारिज कर दी थी, इस फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में उसने याचिका दायर की थी जिसे बुधवार को न्यायालय ने खारिज कर दिया था।